内容摘要:कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के बीच राजस्थान के सियासी संकट ने पार्टी हाईकमान की मुश्किलें बढ़ा दी ह
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के बीच राजस्थान के सियासी संकट ने पार्टी हाईकमान की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. सोमवार को कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी लगातार पार्टी के बड़े नेताओं के साथ बैठक कर रही हैं और संकट से निपटने के उपाय तलाशने में लगी हैं. कहा जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के नामांकन तक (30 सितंबर) राजस्थान में यथास्थिति बनी रहेगी. यानी पार्टी नामांकन के बाद सीएम पद पर कोई फैसला लेगी. वहीं,कांग्रेसअध्यक्षचुनावकेनामांकनतकराजस्थानमेंबनीरहेगीयथास्थितिरिपोर्टमिलनेपरसोनियालेंगीबागीविधायकोंपरएक्शन बगावत करने वाले गहलोत समर्थक विधायकों पर भी अभी एक्शन नहीं लिया जा रहा है. पार्टी हाईकमान पहले पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट देखेगा, उसके बाद कार्रवाई पर फैसला करेगा.देर शाम कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी सोनिया गांधी के आवास पर पहुंचीं और बातचीत की. इससे पहले सोनिया गांधी ने राजस्थान के प्रभारी और पार्टी महासचिव अजय माकन, मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल और एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ समेत पार्टी के कई नेताओं से मुलाकात की. सोनिया गांधी ने राजस्थान के पर्यवेक्षकों से पूरे घटनाक्रम की लिखित और विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. सूत्रों के मुताबिक, पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी और बागी विधायकों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा सकता है. हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन तक राजस्थान में सीएम फेस को लेकर यथास्थिति बरकरार रहेगी.बताते चलें कि AICC पर्यवेक्षक आज रात या कल तक कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. इससे पहले सोनिया गांधी से मुलाकात कर लौटे अजय माकन ने कहा था कि मैंने और खड़गेजी ने सोनिया गांधी को सीएलपी बैठक की जानकारी दी, जिसके लिए हम राजस्थान गए थे. हमें हर विधायक से बात करनी थी और फिर वह रिपोर्ट सोनिया गांधी को देनी थी. विधायकों ने 3 शर्तें लगाई थी, जिसका हमने विरोध किया. हमने कहा कि यह कैसे संभव हो सकता है, क्योंकि यह हितों का टकराव है.माकन ने कहा कि कोई प्रस्ताव अगर पास किया जाता है तो उस पर शर्तें नहीं लगाई जातीं. कांग्रेस में यह परंपरा नहीं है. प्रथम दृष्टया यदि विधायक की बैठक उसी समय बुलाई जाती है जब सीएलपी बुलाई गई है तो यह अनुशासनहीनता के दायरे में आती है. गहलोत के करीबी 102 विधायकों ने कहा था कि हम लोगों में से किसी एक को सीएम बनाया जाना चाहिए. हमने कहा कि उनकी राय पार्टी प्रमुख के सामने रखी जाएगी.वहीं, कांग्रेस सूत्र के मुताबिक, आज पर्यवेक्षकों ने कांग्रेस अध्यक्ष को मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी है. आज कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है. कल वे एक रिपोर्ट सौंपेंगे, जिसमें कुछ विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी. हालांकि कल सोनिया गांधी से वन-टू-वन किसी की मुलाकात नहीं होगी. पार्टी अध्यक्ष रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेंगी. बताते हैं कि राजस्थान में अशोक गहलोत के अप्रत्याशित कदम से बगावत की स्थिति बनी. इसकी भनक जयपुर में साथ बैठे पर्यवेक्षकों तक को नहीं लग सकी.